रूड़की: टीसीएस कोडवीटा सीज़न XI – दुनिया की सबसे बड़ी प्रोग्रामिंग प्रतियोगिता को हाल ही में क्वांटम यूनिवर्सिटी में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज द्वारा यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग और कंप्यूटर एप्लीकेशन विभागों के समर्थन में प्रचारित किया गया । इस कार्यक्रम में टीसीएस के एचआर अधिकारी सुश्री आशी गर्ग, श्री यश पाराशर और श्री गौरव सिंह शामिल थे, जिन्होंने अपनी विशेषज्ञता से परिसर की शोभा बढ़ाई। भविष्य में आयोजित होने वाली प्रतियोगिता के लिए अब तक लगभग 500 छात्रों ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया है, जिससे उन्हें अपने कोडिंग कौशल को प्रदर्शित करने का एक अनूठा अवसर मिलेगा ।
टीसीएस कोडवीटा एक ऑनलाइन कोडिंग प्रतियोगिता है जो प्रोग्रामिंग को एक खेल के रूप में बढ़ावा देने के लिए वैश्विक स्तर पर टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित की जाती है। टीसीएस लोगों को उनकी भौतिक और सांस्कृतिक सीमाओं की परवाह किए बिना जोड़ता है। यह प्रतियोगिता आमतौर पर आगामी वर्षों के लिए इंजीनियरिंग/विज्ञान पृष्ठभूमि के स्नातक/डिप्लोमा/स्नातकोत्तर छात्रों के लिए आयोजित की जाती है।
सत्र के दौरान, छात्रों को परिसर में आए टीसीएस के तीन प्रतिष्ठित प्रतिनिधियों द्वारा ज्ञानवर्धक चर्चा में शामिल होने का अमूल्य अवसर प्रदान किया गया। टीम ने कोडवीटा सीज़न XI का विस्तृत विवरण दिया जैसे कि इसकी पंजीकरण प्रक्रिया, लाभ, पुरस्कार राशि आदि। उन्होंने मूल्यवान इन्साइट प्रदान करते हुए अकादमिक और उद्योग के बीच का अंतर कम करने का प्रभावी प्रयास किया। छात्रों ने उत्साह के साथ सवाल पूछे और विचारों का गतिशील अदान प्रदान किया ।इस कार्यक्रम ने उभरती प्रतिभाओं को टीसीएस एचआर विशेषज्ञों से इन्साइट प्राप्त करने की अनुमति दी, जिससे प्लेसमेंट प्रक्रिया और संबंधित मामलों की कठिनाइयों के बारे में उनकी समझ में वृद्धि हुई।
सुश्री आशी गर्ग ने अपना व्यापक अनुभव साझा किया, बहुमूल्य सुझाव दिए और पेशेवर यात्रा की जटिलताओं पर प्रकाश डाला। अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा, “कोडिंग में सफलता केवल कोड टाइप करने के बारे में नहीं है, यह नवाचार के साथ जटिल समस्याओं को हल करने के बारे में है। चुनौतियों को स्वीकार करें, सीखते रहें और अपने जुनून को व अपने कोड को नई ऊंचाइयों तक ले जाये।” उनसे सहमति जताते हुए श्री गौरव ने कहा, “कोडिंग की दुनिया में, हर चुनौती को अपने कौशल और रचनात्मकता को प्रदर्शित करने के अवसर के रूप में लें। केवल कोड न लिखें, ऐसे समाधान बनाएं जो प्रभाव छोड़ें।”
कोडिंग कार्यक्रम ने ज्ञान का एक मंच प्रदान किया और साथ ही एक प्रेरक शक्ति के रूप में भी काम किया, जिसमें छात्र प्रतिभागियों ने बहुत उत्साह दिखाया। क्वांटम यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. विवेक कुमार ने कहा, “कोडिंग सिर्फ एक कौशल नहीं है, बल्कि भविष्य का प्रवेश द्वार है जहां तकनीक आविष्कार से मिलती है। क्वांटम में, हम एक कोडिंग संस्कृति विकसित करते हैं जो जिज्ञासा, सहयोग और असीमित ज्ञान की खोज को प्रोत्साहित करती है।”
क्वांटम यूनिवर्सिटी और टीसीएस के बीच इस सहयोग ने छात्रों के लिए नए अवसर खोले हैं, जिससे वे अपनी करियर यात्रा पर आगे बढ़ रहे हैं। जैसे ही कार्यक्रम संपन्न हुआ, छात्रों की शानदार प्रतिक्रिया और टीसीएस विशेषज्ञों के साझा ज्ञान ने क्वांटम यूनिवर्सिटी की अपने छात्रों को समग्र शिक्षा और उद्योग अनुभव प्रदान करने की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। यूनिवर्सिटी व्यापक शिक्षा प्रदान करने के अपने लक्ष्य पर अटल है, यह सुनिश्चित करते हुए कि छात्र न केवल आज की चुनौतियों को स्वीकार करें बल्कि भविष्य के नवाचारों का भी नेतृत्व करें।